RAKHI Saroj

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लेखनी प्रतियोगिता -24-Dec-2022

रास्ता 

एक रास्ता अब भी मुझे खोज रहा है
जाने क्यों उसको मेरी ‌‌‌तलाश है जब 
मेरा मन रास्ता खोए ‌‌‌‌‌‌‌  बैठा है उसकी
रोशनी को संवारे किसी रास्ते को तलाशें
कैसे समझाऊं अपना‌ रास्ता जब खो बैठी हूं
किसी की एहसास में अपनी जिंदगी का 
रास्ता जैसे समझाऊं जब लकीरों में किसी
ओर की तलाश का रास्ता मुझे अब भी ‌
खोज रहा हो, कैसे कहूं वह रास्ता कहां
गुम हुआ है जहां मेरी तलाश चल रही है। 

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10 Comments

RAKHI Saroj

29-Dec-2022 10:12 PM

धन्यवाद

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Mahendra Bhatt

25-Dec-2022 10:00 AM

शानदार

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RAKHI Saroj

26-Dec-2022 09:51 PM

Thank you

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Punam verma

25-Dec-2022 08:37 AM

Very nice

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RAKHI Saroj

26-Dec-2022 09:51 PM

Thank you

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