लेखनी प्रतियोगिता -24-Dec-2022
रास्ता
एक रास्ता अब भी मुझे खोज रहा है
जाने क्यों उसको मेरी तलाश है जब
मेरा मन रास्ता खोए बैठा है उसकी
रोशनी को संवारे किसी रास्ते को तलाशें
कैसे समझाऊं अपना रास्ता जब खो बैठी हूं
किसी की एहसास में अपनी जिंदगी का
रास्ता जैसे समझाऊं जब लकीरों में किसी
ओर की तलाश का रास्ता मुझे अब भी
खोज रहा हो, कैसे कहूं वह रास्ता कहां
गुम हुआ है जहां मेरी तलाश चल रही है।
सीताराम साहू 'निर्मल'
29-Dec-2022 04:32 PM
बेहतरीन
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RAKHI Saroj
29-Dec-2022 10:12 PM
धन्यवाद
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Mahendra Bhatt
25-Dec-2022 10:00 AM
शानदार
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RAKHI Saroj
26-Dec-2022 09:51 PM
Thank you
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Punam verma
25-Dec-2022 08:37 AM
Very nice
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RAKHI Saroj
26-Dec-2022 09:51 PM
Thank you
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